चलो निद्रा देवी की गोदी में सिर रखकर सोते हैं। चलो निद्रा देवी की गोदी में सिर रखकर सोते हैं।
वह अपने हाथों को हटाती हुई बोली- "ना! चांदनी हूँ मैं तुम्हारी और तुम मेरे चांद।" मैंने कहा- "चोरनी ... वह अपने हाथों को हटाती हुई बोली- "ना! चांदनी हूँ मैं तुम्हारी और तुम मेरे चांद।"...
प्रसिद्ध नगरी का चक्रवर्ती सम्राट दशानन निद्राहीन और चिंतातुर दिखाई पड़ रहा। प्रसिद्ध नगरी का चक्रवर्ती सम्राट दशानन निद्राहीन और चिंतातुर दिखाई पड़ रहा।